विकास एवं विस्थापन ( मध्यप्रदेश के विशेष संदर्भ में ) | डॉ. अंकुर पारे | Hardcover
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यह पुस्तक बताती है की विकास और विस्थापन में क्या सम्बन्ध है। किसी भी देश के विकास में विस्थापन की क्या भूमिका होती है और विस्थापन का लोगों के जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है इस विषय को समझाया गया है। इस पुस्तक में विकास और विस्थापन को भारत के एक राज्य मध्यप्रदेश के विशेष सन्दर्भ में बताया गया है। भारत कृषि प्रधान देश है।
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Description
यह पुस्तक बताती है की विकास और विस्थापन में क्या सम्बन्ध है। किसी भी देश के विकास में विस्थापन की क्या भूमिका होती है और विस्थापन का लोगों के जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है इस विषय को समझाया गया है। इस पुस्तक में विकास और विस्थापन को भारत के एक राज्य मध्यप्रदेश के विशेष सन्दर्भ में बताया गया है। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां गाँव में अधिकांश लोग छोटे या सीमांत किसान है या फिर भूमिहीन है। विकास परियोजनाओं के निर्माण के कारण लोगों को विस्थापित किया जाता है। विस्थापन के कारण प्रभावित लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विकास के समाजशास्त्र का विषय-क्षेत्र अत्यन्त विस्तृत है क्योंकि इसमें विकास के सभी प्रमुख पहलुओं सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं संस्थागत का अध्ययन किया जाता है। पुनर्स्थापन में लोगों को एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान रहने के लिए भेजा जाता है और पुनर्वास में लोगों को अच्छा जीवन, स्वस्थ्य जीवन उपलब्ध करवाया जाता है इसलिए लोगों के पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन में ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है। विकास परिवर्तन की एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक देश के अधिकाधिक नागरिक उच्च भौतिक रहन-सहन के स्तर, स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन प्राप्त करने के साथ-साथ अधिकाधिक मात्रा में शिक्षित होने का प्रयास करते हैं। देश के विकास के लिए विस्थापन आवश्यक है लेकिन विस्थापन से लोगों के जीवन में अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता है। इस पुस्तक में विस्थापन के प्रभाव के साथ-साथ उसके अलग-अलग कारणों को समझाया गया है|
Additional information
Weight | 0.2 g |
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